
संगीता बुटोला
उत्तराखंड में लगातार फर्जीवाड़ों के मामले सामने आ रहे हैं,अभी तक कई सारे शिक्षकों ने फर्जी डिग्री के माध्यम से प्रदेश में नौकरियां हासिल की है। जिन में से अधिकांश मामलों का तो जल्दी खुलासा हो जाता है मगर कुछ का खुलासा होने में कई वर्ष बीत जाते हैं। ऐसा ही कुछ चौंका देने वाला मामला चमोली जिले से सामने आया है जहां पर इंटरमीडिएट की फर्जी डिग्री से नौकरी पाए युवक को शिक्षक के पद पर 16 वर्षों तक तैनाती दी गई जिसका खुलासा शिक्षक के रिटायरमेंट के करीब 3 साल पहले हो गया है।
जिसके कारण शिक्षक को पद से बर्खास्त कर दिया गया है वहीं पुलिस ने उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया है।अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले के रुड़की शहर के गंगनहर कोतवाली के शिवपुरम पनियाला रोड के निवासी 57 वर्षीय शिव कुमार सैनी वर्ष 2008 मे प्राथमिक शिक्षक के तौर पर बीते 16 वर्षो से चमोली जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेहलचौरी के गैरसैंण ब्लॉक में अपनी सेवाएं दे रहे थे । अब जब उनकी सेवानिवृत्त के लिए मात्र 3 साल शेष रह गए थे तब जाकर उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन हुआ ।
जिसके तहत वह पुलिस की गिरफ्त में आ गए। दरअसल शिव कुमार ने 16 वर्ष तक चमोली जिले में नौकरी की जिनके प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए विभाग ने 16 साल लगा दिए और जब प्रमाण पत्रों का सत्यापन हुआ तो शिवकुमार शिक्षा विभाग से सीधा निलंबित हो गए।
आपको बता दें कि विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी शिक्षक का वर्ष 1989 का इंटरमीडिएट का प्रमाण पत्र फर्जी है इसके बाद ग्रेजुएशन और बीएड करने के बाद शिक्षा विभाग में शिवकुमार को नौकरी मिली थी। 12 वीं का प्रमाण पत्र फर्जी होने के बाद ग्रेजुएशन सहित अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी स्वत ही फर्जी हो जाते हैं। ऐसे में बीते नवंबर के महीने शिवकुमार को पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
वहीं 8 जनवरी 2025 को मुख्य शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह रावत ने शिवकुमार सैनी के फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर रिपोर्ट दर्ज करवाई जिसके आधार पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में शिवकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और बीते 5 फरवरी को शिवकुमार को हिरासत में लिया गया है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि फर्जी शिक्षक बने शिव कुमार की संपत्ति की जांच भी जारी है।