
चमोली। गोविंदघाट में एक बड़ा हादसा हुआ, जब पहाड़ी से अचानक एक बड़ी चट्टान गिरने के कारण हेमकुंड साहिब जाने वाला पैदल पुल पूरी तरह से टूट गया। इस हादसे के बाद हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी के जाने का मुख्य मार्ग बाधित हो गया है, जिससे यात्रा पर असर पड़ा है।
सुबह के समय हुआ हादसा, किसी की जनहानि नहीं
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना मंगलवार सुबह करीब 10 बजे हुई, जब पहाड़ी के एक बड़े हिस्से ने गिरकर पुल पर दबाव डाला। सौभाग्य से, इस दौरान पुल पर कोई भी तीर्थयात्री या स्थानीय व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि से बचाव हुआ। हालांकि, पुल के टूटने से यात्रियों और स्थानीय लोगों के आवागमन पर संकट आ गया है।
हेमकुंड साहिब यात्रा पर पड़ सकता है असर
हेमकुंड साहिब, जो सिखों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, के कपाट इस साल 25 मई को खुलने वाले हैं। यात्रा की तैयारियां जोरों पर चल रही थीं, लेकिन इस पुल के टूटने से अब यात्रा के मार्ग में रुकावट आ सकती है। यह पुल केवल पैदल यात्रियों और स्थानीय ग्रामीणों के लिए था, जो तीर्थयात्रा और अन्य कार्यों के लिए इसका उपयोग करते थे।
गौरतलब है कि 2013 की आपदा के दौरान भी इस स्थान पर स्थित पुल बह गया था, जिसके बाद एक नया पुल बनवाया गया था। इस नए पुल के टूटने से यात्रा पर असर पड़ सकता है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा हो सकती है।
प्रशासन ने लिया स्थिति पर नियंत्रण
घटना के बाद, जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन ने बताया कि पुल के मरम्मत या पुनर्निर्माण के कार्य को शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि हेमकुंड साहिब की यात्रा बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चल सके।
वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था पर जोर
स्थानीय अधिकारियों ने इस घटना के बाद यात्रा में व्यवधान को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की योजना बनाई है, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी तक आसानी से पहुंच सकें। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही मार्ग को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए जाएंगे और यात्रा की तैयारियां पूरी की जाएंगी।
इस हादसे ने स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग को प्रभावित किया है, लेकिन प्रशासन के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मार्ग को फिर से चालू किया जाएगा, ताकि यात्रा पर कोई और असर न पड़े।