घिमतोली के ग्वास गाँव मे 11 वर्षों बाद 22 अक्टूबर से होगा पांडव नृत्य शुरू

लक्ष्मण सिंह नेगी/
ऊखीमठ । पट्टी तल्लानागपुर की सीमान्त ग्राम पंचायत घिमतोली के ग्वास गाँव मे 11 वर्षो बाद आगामी 22 अक्टूबर से होने वाले पाण्डव नृत्य की सभी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं । पाण्डव नृत्य के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन कर ग्रामीणों को जिम्मेदारियां सौंप दी गयी हैं तथा ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है ।
धियाणियों व प्रवासियों के ग्वास गाँव की ओर रूख करने से गाँव की चौपालों में रौनक लौटने लगी है । जानकारी देते हुए पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह नेगी ने बताया कि पाण्डव नृत्य में पाण्डवों के अस्त्र- शस्त्र पाण्डव चौक लाना , मौरू नारेण की स्थापना , तीर्थ दर्शन व तीर्थ स्नान के तहत कार्तिक स्वामी की तीर्थ की यात्रा करना तथा नगर भ्रमण के तहत अनेक तोकों का भ्रमण करने सहित अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक परम्पराओ का निर्वहन किया जायेगा ।
वन पंचायत सरपंच धर्मेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि पाण्डव नृत्य में पाण्डवों के तीर्थ दर्शन के बाद पाण्डव लीला का शुभारंभ भी किया जाता है तथा पाण्डव लीला मे महाभारत के 18 पर्वों तथा चक्रव्यूह, कर्ण वध ,दुर्योधन वध लीलाओं का मंचन किये जाने की परम्परा युगों पूर्व की है तथा चक्रव्यूह लीला मंचन मे विभिन्न गांवो के असंख्य दर्शक चक्रव्यूह लीला मंचनके साक्षी बनते हैं ।
नव युवक मंगल दल अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया की पाण्डव नृत्य मे मौरू नारेण का कौथिग बहुत की शानदार होता है क्योकि मौरू डाली के लिए पाण्डव पश्वाओं को अस्त्र-शस्त्र सहित मीलो दूर पैदल जंगलों मे जाना पड़ता है तथा खेत – खलिहानो मे मौरू डाली कौथिग बडा ही रौचक होता है ।
पूर्व प्रधान रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि तीर्थ स्नान के पहत पाण्डव सुरगंगा नदी के उदगम स्थल पर तीर्थ स्नान करते है तथा तीर्थ दर्शन के तहत पाण्डव कार्तिक स्वामी तीर्थ की यात्रा करने की परम्परा युगो की है । पूर्व वन पंचायत सरपंच सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि पाण्डव नृत्य के दौरान पाण्डव पश्वाओ को अनेक प्रकार के अनुष्ठानो का पालन करना पड़ता है ।
महिला मंगल दल अध्यक्ष शशि देवी ने बताया कि पाण्डव नृत्य दौरान धियाणिया ,प्रवासियो सहित विभिन्न गांवो के ग्रामीणो का अहम योगदान रहता है तथा ग्रामीणो मे आपसी सौहार्द बना रहता है । भाजपा मण्डल महामंत्री दीपक नेगी ने बताया कि ग्राम पंचायत घिमतोली के विभिन्न गांवो में पाण्डव नृत्य की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होती है तथा कुल पुरोहित द्वारा निर्धारित तिथियों पर ही विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये जाते हैं ।



