रूद्रप्रयागरोजगार

स्वावलंबन की ओर कदम: “ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना” से आत्मनिर्भर बन रहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं

महिलाएं "लोकल फॉर वोकल" की थीम पर आधारित उत्पाद तैयार कर रही प्रोडक्ट

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रूद्रप्रयाग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार नए आयाम स्थापित कर रही हैं। महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें “ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना” एक प्रभावशाली पहल के रूप में उभर कर सामने आई है।

जनपद रुद्रप्रयाग में इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। खास बात यह है कि महिलाएं “लोकल फॉर वोकल” की थीम पर आधारित उत्पाद तैयार कर रही हैं। वे अपने आसपास सहज रूप से उपलब्ध जैविक संसाधनों जैसे — बद्री गाय का गोबर, नीम और पीपल के पत्ते, आम और कंडुजू की लकड़ियाँ, गुलाब और गेंदे के फूलों का उपयोग कर धूपबत्ती निर्माण का कार्य कर रही हैं।

जय नारी सहायता समूह की कोषाध्यक्ष सुषमा देवी बताती हैं कि इस परियोजना के अंतर्गत महिलाओं को पहले 6 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके बाद वे धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने का कार्य शुरू करती हैं। उन्होंने बताया कि गांव के आस-पास मिलने वाले जैविक उत्पादों से ही धूप बनाई जाती है। यह कार्य अब गांव की कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गांव में 5 समूहों के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है।

वहीं, उन्नति स्वायत्ता सहकारिता सहायता समूह की समूह सुगमकर्ता गीता बेलरा बताती हैं कि प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें आरसीटीसी (Rural Cooperative and Training Centre) के माध्यम से तकनीकी मार्गदर्शन व आवश्यक आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है, जिससे महिलाएं अपना स्वयं का उद्यम स्थापित कर सकें।

गीता बेलरा ने बताया कि उनके सहकारिता समूह से 10 ग्राम सभाएं और 11 ग्राम संगठन जुड़े हुए हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को घर पर ही रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा, वे अपने उत्पादों को हिलांस आउटलेट और ऑनलाइन माध्यमों से बाजार तक पहुँचा रही हैं।

इस अभिनव प्रयास से न केवल महिलाओं को आजीविका के स्थायी साधन मिल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया संबल प्राप्त हो रहा है। जनपद की महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ा चुकी हैं और अपने परिवार के साथ-साथ समाज के आर्थिक सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।

 

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