गुप्तकाशी में 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन

लक्ष्मण सिंह नेगी/
ऊखीमठ । दिल्ली के प्रसिद्ध उद्योगपति दिनेश कनोडिया व कनोडिया परिवार के सहयोग से विश्वनाथ की तपस्थली गुप्तकाशी मे आयोजित 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर धर्म की गंगा में डुबकी लगाकर कथा श्रवण कर रहे हैं।
शिवमहापुराण कथा के आयोजन से विश्वनाथ की नगरी गुप्तकाशी सहित केदार घाटी का वातावरण भक्तिमय व संगीतमय बना हुआ है । शिवमहापुराण कथा में आगामी तीन सितम्बर को भव्य व दिव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया जायेगा जिसके हजारों श्रद्धालु साक्षी बनेंगे।
शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन कथावाचक बृजमोहन सेमवाल ने भगवान शिव की महिमा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि शिव कथा के श्रवण करने से मनुष्य शिव स्वरूप हो जाता है । उन्होंने कहा कि परम पिता परमेश्वर की परम शक्ति को जानने के लिए श्रद्धा व विश्वास जरूरी है क्योकि श्रद्धा व विश्वास से ही भगवत की प्राप्ति होती है। इसलिए विश्वास ही फलदायक माना गया है ।
उन्होंने कहा कि जो मनुष्य अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर भगवान शिव का क्षण मात्र स्मरण करता है वह मनुष्य सांसारिक सुखो को भोगकर कर अन्त में शिव लोक को प्राप्त करता है । कथावाचक बृजमोहन सेमवाल ने कहा कि भगवान शिव की भक्ति से लौकिक व पारलौकिक दोनों उद्देश्यो की समान रूप की पूर्ति होती है इसलिए मनुष्य को हर समय भगवान शिव की भक्ति मे तत्कालीन रहना चाहिए।
शिव महापुराण कथा मे विश्वनाथ मन्दिर के प्रधान पुजारी शान्त लिंग, आचार्य हर्षवर्धन देवशाली , जगदम्बा प्रसाद देवशाली व कैलाश जमलोकी द्वारा वेद ऋचाओ के माध्यम से शिव महापुराण कथा को और अधिक भक्तिमय बनाया जा रहा है जबकि वासुदेव , सन्दीप थपलियाल, मुकेश वशिष्ठ व नीरज पन्त द्वारा संगीत पर साथ दिया जा रहा है ।
शिव महापुराण कथा में बद्री केदार मन्दिर समिति, त्रिशक्ति कीर्तन मण्डली , श्री विश्वनाथ कीर्तन मण्डली , दुर्गा माता कीर्तन मण्डली , महालक्ष्मी कीर्तन मण्डली सहित गुप्तकाशी की देवतुल्य जनता द्वारा विशेष सहयोग किया जा रहा है । इस मौके पर दिनेश कनोडिया की धर्मपत्नी रूबी कनोडिया , सामाजिक कार्यकर्ता माधव कर्नाटकी, पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, सहायक अभियन्ता विपिन तिवारी , नवीन देवशाली , प्रेम प्रकाश बिष्ट, पूर्व प्रधान मदन अग्रवाल, मदन सिंह नेगी , बचन सिंह नेगी , किशन चन्द्र शुक्ला , कुसुम नौटियाल, सुरेशानन्द नौटियाल, कुसुम तिवारी सहित सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद थे ।