
बच्चों में हिमालय व पर्यावरण को बचाने का जज्बा बा कबीले तारीफ : सूर्यकांत धस्माना
देहरादून । जिस प्रकार ग्रीन फील्ड स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ दिव्यांग बच्चों को शिक्षा दी जा रही है यह देहरादून व प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थाओं के लिए समावेशी शिक्षा का एक बहते उदाहरण है यह बात आज देहरादून के डालनवाला मोहिनी रोड स्थित ग्रीन फील्ड स्कूल के वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में उत्तराखंड सरकार की उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष व डीएवी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डाइटर देवलवेंद्र भसीन ने कही।
उन्होंने कहा कि ग्रीन फील्ड स्कूल के दिव्यांग बच्चों के विभिन्न कार्यक्रम देख कर प्रसन्नता हुई कि ये बच्चे सामान्य बच्चों के साथ ही पड़ लिख रहे हैं और अन्य गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं और इस तरह के समावेशी शिक्षा के कार्यक्रम को देहरादून व राज्य के अन्य स्कूलों को भी चलाना चाहिए। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को भरोसा दिलाया कि आवश्यकता पड़ने पर वे स्कूल को हर प्रकार से सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने अपने संबोधन में स्कूल प्रबंधन व स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं कोर्कीक्रम की गुणवत्ता व बच्चों में हिमालय व पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बच्चों के द्वारा हिमालय बचाओ नाटिका का प्रस्तुतीकरण कबीले तारीफ था और गंगा यमुना शारदा व उनकी सहायक नदियों में प्रदूषण व पेड़ों के अवैध पातन ग्लेशियरों के पिघलने व ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जिस तन्मयता से अभिनय के साथ प्रस्तुतीकरण किया व काबिले तारीफ़ है और एक सकारात्मक संदेश देता है।
उन्होंने कहा कि हमारा उत्तराखंड एशिया का वाटर बैंक है जहां गंगा,जमुना,शारदा व इनकी तमाम सहायक नदियां हैं जो निरंतर बहती हैं और देश व दुनिया को जल देती हैं लेकिन आज इब नदियों का अस्तित्व खतरे में है जिसको बचाना हमारा परम कर्तव्य है। श्री धस्माना ने कहा कि आज उत्तराखंड राज्य को गठित हुए पच्चीस साल हो चुके हैं और आज पलायन राज्य बनने से पहले से ज्यादा हो गया है जो दुखद है। उन्होंने राज्य के पर्वतीय जनपदों में ध्वस्त पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं व शिक्षा के गिरते हुए स्तर पर भी चिंता जाहिर की और पलायन का एक मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि अगर पहाड़ों से पलायन रोकना है तो सबसे पहले शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार तीन चीजों की उपलब्धता को आसान बनाना होगा तभी पहाड़ खाली होने से बचेंगे।
इससे पूर्व स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने मंच पर नृत्य की प्रस्तुति व कैट वॉक कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
स्कूल के छठी सातवीं व आठवीं के बच्चों ने लघु नाटकों से हिमालय बचाओ” व “पलायन की पीड़ा” प्रस्तुत किए जो अभिभावकों व अन्य दर्शकों ने बहुत पसंद किए।
स्कूल के निदेशक डॉक्टर अनिल जग्गी व प्रधानाचार्य डाक्टर रीना जग्गी ने मुख्य अतिथि डाक्टर देवेंद्र भसीन व विशिष्ट अतिथि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। श्री शुभांग जग्गी ने आए हुए सभी अतिथियों व अभिभावकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।कांत धस्माना



