केंद्रीय बजट 2025-26 में क्या है खास, देखें एक नजर।
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय बजट को मध्यम वर्ग के लिए बताया बड़ी सौगात ।

नई दिल्ली : सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी एवं सशक्त नेतृत्व में केंद्रीय बजट 2025-26 के तहत मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए ₹12 लाख की आय को कर मुक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट के जनकल्याणकारी निर्णय से मध्यम वर्ग सहित देश का जन-जन लाभान्वित होगा। यह फ़ैसला न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि लोगों की जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
वाहन और मोबाइल बैट्री उत्पादन के लिए अतिरिक्त पूंजीगत वस्तू में छूट
जहाज निर्माम में प्रयोग होने वाले कच्चा सामग्री और घटकों पर 10 साल के लिए बीसीडी में छूट
फ्रोजन फिश पेस्ट पर बीसीडी को 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया और फिश हाइड्रोलिसेट पर 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। उनके बजट भाषण का सारांश यह रहाः
भाग ए
तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन ‘कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है’ कथन को उद्धृत करते हुए वित्त मंत्री ने केन्द्रीय बजट 2025-26 में प्रस्तुत किया। इसमें ‘सबका विकास’ लक्ष्य के साथ समस्त क्षेत्रों का संतुलित विकास का लक्ष्य रखा गया हैं।
इसी लक्ष्य के अनुरूप वित्त मंत्री ने विकसित भारत के व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया जो इस तरह से हैं-
क) गरीबी से मुक्ति;
ख) शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा;
ग) बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच;
घ) शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार;
ङ) आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और
च) हमारे देश को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’बनाने वाले किसान
केन्द्रीय बजट 2025-26 में विकास को बढ़ावा के लिए सरकारी प्रयासों को जारी रखने, समग्र विकास को सुनिश्चित करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, परिवारिक भावनाओं को बढ़ाने और उभरते मध्यम वर्ग की व्यय क्षमता को बढ़ाने का वादा किया गया। इस बजट में प्रस्तावित विकास, उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किया गया है।
बजट में भारत की विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि के लिए कराधान, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामिण विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामक में परिवर्तनकारी सुधारों का लक्ष्य रखा गया है।
केन्द्रीय बजट में रेखांकित किया गया है कि कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात विकसित भारत की यात्रा के ईंजन हैं। इसमें सुधार को ईंधन के रूप में और समावेशिता की भावना को पथप्रर्दशक के रूप में रखा गया है।
पहला ईंजनः कृषि
बजट में राज्यों की भागीदारी के साथ ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’की गई है। इसके अंतर्गत 100 जिलों को शामिल किया गया है जहां उत्पादन में वृद्धि, फसल विविधता अपनाने, फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया।
राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक अवसरों का सृजन करते हुए जिसमें विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान देना है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ दालों में आत्मनिर्भरता के लिए एक छह वर्षीय अभियान का शुभारंभ करेगी। केन्द्रीय एजेंसियां (नेफेड और एनसीसीएफ) अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से मिलने वाली इन तीन दालों को अधिकतम स्तर पर खरीदने के लिए तैयार रहेंगे।
बजट में सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम हेतु उपायों की भी अवधारणा तैयार की गई है। कृषि और इससे सम्बद्ध गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए इसमें अन्य उपायों के साथ कपास उत्पादकता के लिए एक पांच वर्षीय अभियान और उच्च पैदावार करने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं।
जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) से पूरी तरह छूट दे दी गई है। पेटेंट असिस्टेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 13 नई दवाओं सहित 37 दवाईयों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है, अगर ये दवाएं मरीज को मुफ्त दी जाती है।
घरेलू विनिर्माण और मूल्य संवर्धन, 25 विशेष खनिजों जिनकी घरेलू उपलब्धता नहीं है उन्हें भी सहायता देने के लिए जुलाई, 2025 से बीसीडी से मुक्त कर दिया गया है। 2025-26 के बजट में कोबाल्ट पाउडर और उसके कबाड़, लीथियम आयरन बैट्री के कबाड़, लैट, जिंक और 12 अन्य मुख्य खनिजों को भी छूट दी गई है। घरेलू कपड़ा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मशीनरी में दो अन्य शटल लैस लूम्स को भी छूट दी गई है।
बजट में आगे कहा गया है कि बुने हुए कपड़े जो 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत, जिन्हें 20 प्रतिशत कर दिया गया है या 115 किलोग्राम से जो ज्यादा है, जो 09 टैरिफ लाइन्स को कवर करती है, उनके बीसीडी में भी संशोधन किया गया है।
प्रतिलोम शुल्क संरचना को ठीक करने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इंटरेक्टिव फ्लेट पैनल डिस्पले (आईएफपीडी) को 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है और ओपन सैल्स को 5 प्रतिशत कम किया गया है। ओपन सैल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ओपन स्टेंडस को बीसीडी के हिस्से के रूप में छूट दी गई है।
देश में लीथियम आयन बैट्री के निर्माण को बढावा देने के लिए, ईवी बैट्री निर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन की बैट्री के निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को भी पूंजीगत वस्तुओं को दी जाने वाली छूट की सूची में जोड़ा गया है।
केन्द्रीय बजट 2025-26 में कच्चे माल, कलपुर्जों, जहाज के निर्माण में आने वाले सामान और दोबारा उपयोग में आने वाले सामान पर अगले 10 वर्षों के लिए बीसीडी की छूट भी जारी रहेगी।