पौड़ी

अंकिता भंडारी हत्याकांड: आजीवन कारावास फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा दोषी पुलकित आर्या

अंकिता भंडारी हत्याकांड में निचली अदालत ने तीनों दोषियों को सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा

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नैनीताल। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए बीते दिनों आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं अब मुख्य दोषी पुलकित आर्या ने निचली अदालत के आजीवन कारावास के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पुलकित आर्या की अपील पर सोमवार 7 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने निचली कोर्ट का रिकॉर्ड तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

बता दें कि, कोटद्वार कोर्ट ने 30 मई 2025 को आईपीसी की धारा 302, 354अ और 201 के तहत मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

कोटद्वार कोर्ट में सुनवाई के दौरान 47 गवाह पेश किए गए थे। दोषी पुलकित आर्या ने इस आदेश को चुनौती दी है। आज की सुनवाई में दोषी की तरफ से कहा गया कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेश नहीं किया गया। अंकिता भंडारी का शव कैनाल से बरामद हुआ था।

सरकार की तरफ से कहा गया कि दोषी व उसके दो अन्य साथियों की लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई. फॉरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन वहां पाई गई। यही नहीं, अंकिता ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इसका जिक्र किया है।

आरोपियों ने वनंत्रा रिजॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए और डीवीआर से भी छेड़ाखानी की थी।

जानिए पूरा मामला

पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 साल की अंकिता भंडारी यमकेश्वर इलाके में स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में नौकरी करती थी, जिसकी हत्या रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित ने चीला बैराज में धक्का देकर की थी. मामले की छानबीन के बाद तीनों दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. निचली अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद से तीनों जेल में बंद हैं.

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